Winning Shot
A Public Book by Dinesh Singh Rawat
Sunday, March 17, 2019
काश मैं लाश ना होता
काश मैं लाश ना होता तो आज मैं आकाश होता
गर मैं आकाश होता तो मैं सारे प्यार और तकरारो के बंधनों से आज़ाद होता
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment