Monday, May 4, 2020

तू देखती रही मेरा रास्ता हर कदम कदम पर


                तू देखती  रही मेरा रास्ता हर कदम कदम  पर 

तू छोड़ कर चली आई सारी दुनिया को मेरी एक छोटी सी इतिजा पर
मैं इतना भी बेगैरत नही की तेरी इस अदा को भी ना समझू

मैं तो बहका मदकसे की मदहोशी में
लेकिन तू तो गिरी है बार बार बार मुझे मदकसे  से घर लाते लाते

मैं तो हूं रास्ते का एक पत्थर जो हर रोज  राहगीरो को मारे ठोकर
लकिन तू तो है एक मूरत एक इबादतगाह की जो हर ठोकरजदा दिखाये सकून की राहे

मैं तो पीता गया हर  दिन तेरे दम के सिए पर
पर   तू देखती  रही मेरा रास्ता हर कदम कदम  पर 

Friday, May 1, 2020

मेरी इबादत को खुदा बनादे

मैं  तराजू मे तूल कर भी बिना भार का  ही रहा
तू चाहे जिस किसी को मनो का बना दे 

मैं  मन से भी बोझल हूं और तन से भी बेहाल 
तू चाहे किसी को भी आँचल बना दे 

मेरा आँचल तो भरा हैं धूल ही धूल से 
तू चाहे तो किसी  की चरणों की धूल को किसी का सिंदूर बना दे 

मेरी मॉँग भी तरसती हैं किसी के सिँदूर को पाने को 
तू  चाहे तो किसी सुहागिन को नौलाखा मँगवा दे 

मैं लाखों कमा कर भी लाश बन कर ही रहा 
तू चाहे तो किसी फ़क़ीर की तकदीर बना दे 

ए खुदा मेरी किस्मत में तेरी इबादत  के बिना कुछ और ना हो 
तू चाहे तो मेरी इबादत को खुदा बनादे  तू चाहे तो मेरी इबादत को खुदा बनादे