Tuesday, July 26, 2022

अक्स अपना आईने में उतार कर

मेरे सपनो मे आ कर तूने मुझ पर बड़ा एहसान किया हैं. 
सूरत तो तूने छिपा ली हिजाब में, पर सिरत दिखा कर लूट ली हैं मेरी जान तूने अक्स अपना आईने में उतार कर,

No comments: